धान की पत्तियों में सफेद और पीलापन दिखे तो करें आयरन का छिड़काव: डाॅ आशीष राय राय

धान की पत्तियों में सफेद और पीलापन दिखे तो करें आयरन का छिड़काव: डाॅ आशीष राय राय
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मोतिहारी। आयरन पौधों के लिये एक आवश्यक पोषक तत्व है,इसकी कमी होने पर पौधे ठीक से विकास नहीं कर पाते।उक्त जानकारी परसौनी कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा विशेषज्ञ डा.आशीष राय ने देते हुए बताया कि आयरन पौधों की वृद्धि के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। आयरन पौधों को प्रकाश संश्लेषण में मदद करता है।यह पौधे को प्रोटीन,न्यूक्लिक एसिड और एंजाइम पहुंचाने में भी मदद करता है। पौधों के लिए बाजार में विभिन्न प्रकार के लौह तत्व उपलब्ध हैं। जिसमें चिलेटेड आयरन वह रूप है जिसे पौधे सबसे आसानी से अवशोषित कर लेते हैं।आमतौर वैसी मिट्टी जो पर्याप्त रूप से हवादार नहीं है और उसमें कार्बनिक पदार्थ का स्तर कम है तो उस मिट्टी में आयरन की कमी हो सकती है। पौधों की पत्तियां जब सफेद-पीली होने लगे तो यह स्पष्ट है,मिट्टी में आयरन की कमी है,जिससे क्लोरोसिस (पत्तियों का सफेद-पीला पड़ना) और फंगल के अतिवृद्धि भी होने लगता है।आयरन की कमी के लक्षणो में खराब बीज अंकुरण,पत्ती का रंग कम होना
कमजोरी या मुरझाना,ऐसे पौधे जो धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं या बिल्कुल नहीं बढ़ रहे हैं,तो मान ले कि पौधों में आयरन की कमी है।

  • कैसे परखे आयरन की कमी? पौधों और मिट्टी में आयरन(लौह) की कमी को ठीक करने के कई तरीके हैं, जिनमे लौह अनुपूरक या चिलेटिंग आयरन,खाद और मल्चिंग जैसे जैविक तरीकों का उपयोग करना शामिल है।पौधों में आयरन की कमी का परीक्षण करने के लिए पत्तों के नमूने,मृदा परीक्षण,पत्तियों का रंग देख कर या जड़ प्रणाली और क्लोरोफिल के स्तर की जांच करके भी किया जा सकता है।
    पौधों में आयरन की कमी मुख्यत:
    कार्बनिक पदार्थ की कमी और मिट्टी का पीएच मान 8 या 8 से ऊपर होने के कारण या खराब जल निकासी के कारण भी हो सकता है।मिट्टी में ज्यादा चूना या उर्वरक के प्रयोग के कारण भी आयरन की कमी हो सकती है। खेतो वैसे खरपतवार जो पोषक तत्वों के लिए पौधे से प्रतिस्पर्धा करते हैं,यह भी आयरन की कमी का कारण है।
    – कैसे करे आयरन की कमी को दूर
    पौधों और मिट्टी में आयरन की कमी को दूर करने के कई तरीके हैं। उदाहरण के लिए, मौलिक सल्फर मिलने से पौधों द्वारा ग्रहण के लिए उपलब्ध आयरन को बढ़ाने में मदद मिलती है, जबकि पोटेशियम मिलने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि अच्छी फसल वृद्धि के लिए पर्याप्त नाइट्रोजन उपलब्ध है। खाद जैसे कार्बनिक पदार्थ की मिट्टी की उर्वरता स्थितियों को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं, जिससे जस्ता और मैगनीज अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ सकती है, अच्छी पौधों के लिए आवश्यक भी है। आयरन की कमी को प्राकृतिक रूप से भी कैसे ठीक किया जा सकता है,इसके लिए खाद के रूप में कंपोस्ट खाद या पुराने गोबर खाद को जमीन में मिलाएं।चिलेटेड आयरन सप्लीमेंट सीधे मिट्टी में मिलायें।उच्च स्तर की आयरन की कमी वाली संक्रमित शाखाओं या पत्तियों को काट दें। आयरन की कमी को दूर करने के लिये धान की पत्तियों पर आयरन सल्फेट का छिड़काव बुझा हुआ चूना के साथ मिलाकर करने से भी आयरन की कमी दूर हो सकती है।

anand prakash

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